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“हर IPO में तीन तरह के निवेशक होते हैं — लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका slot कौन-सा है, और allotment का असली खेल कहाँ होता है?”

जब भी कोई कंपनी IPO लाती है, तो वह अपने शेयर तीन अलग-अलग कैटेगरी के निवेशकों को ऑफर करती है:

  • Retail Investors
  • HNIs (High Net-worth Individuals)
  • QIBs (Qualified Institutional Buyers)

इन सभी कैटेगरी का अपना-अपना रोल होता है, और IPO allotment और subscription में इनकी भूमिका काफी अहम होती है।

इस ब्लॉग में हम आपको आसान भाषा में बताएंगे:

  • इन तीनों कैटेगरी का मतलब क्या है?
  • इनमें कौन शामिल होता है?
  • और इनमें निवेश करना कैसे अलग होता है?

👤 1. Retail Investor कौन होता है?

Retail Individual Investor (RII) वो व्यक्ति होता है जो ₹2 लाख तक का आवेदन करता है।

📌 खास बातें:

  • सबसे बड़ा निवेशक वर्ग होता है
  • IPO में 35% हिस्सा RII के लिए आरक्षित होता है
  • Cut-off Price पर आवेदन करने की सुविधा सिर्फ इन्हें होती है
  • Allotment का तरीका होता है: लॉटरी सिस्टम

💡 उदाहरण:
अगर आप ₹15,000–₹2,00,000 तक का आवेदन करते हैं तो आप Retail Investor हैं।

💼 2. HNI (High Net-worth Individual) कौन होता है?

HNIs वो व्यक्ति होते हैं जो ₹2 लाख से ज्यादा का IPO में आवेदन करते हैं। इन्हें Non-Institutional Investors (NII) भी कहा जाता है।

📌 मुख्य बातें:

  • IPO में 15% हिस्सा HNI/NII के लिए आरक्षित होता है
  • इन्हें Cut-off Price की सुविधा नहीं होती
  • Bidding competitive होती है — इसलिए ज़्यादा पैसा लगाने से allotment के चांस बढ़ते हैं
  • Allotment proportion के हिसाब से होता है, लॉटरी नहीं

💡 उदाहरण:
अगर कोई निवेशक ₹5 लाख या ₹10 लाख का IPO application करता है — वो HNI होता है।

🏦 3. QIB (Qualified Institutional Buyers) कौन होते हैं?

QIBs वे संस्थागत निवेशक होते हैं जिनके पास SEBI से मान्यता होती है और जो भारी मात्रा में निवेश करते हैं।

📌 QIB कैटेगरी में शामिल हैं:

  • Mutual Funds
  • Insurance Companies
  • Banks
  • Foreign Institutional Investors (FIIs)
  • Pension Funds
  • Venture Capital Funds

🔐 IPO में QIBs के लिए 50% हिस्सा आरक्षित होता है।
इनका निवेश आमतौर पर long-term या anchor investment के तौर पर देखा जाता है।

💡 QIB का भरोसा किसी IPO में होने का मतलब है — “smart money” इस कंपनी पर दांव लगा रही है।”

📊 तीनों कैटेगरी का Comparison Table

कैटेगरीनिवेश सीमाIPO में आरक्षित हिस्साAllotment प्रक्रिया
Retail Investor₹2 लाख तक35%लॉटरी सिस्टम
HNI/NII₹2 लाख से ऊपर15%Proportionate Allocation
QIBबड़ी संस्थाएं50%Proportionate Allocation

✅ निवेशक को क्यों जानना चाहिए अपनी कैटेगरी?

  • यह जानना ज़रूरी है कि आपके लिए कितने शेयर रिज़र्व हैं
  • Allotment चांस आपकी कैटेगरी पर निर्भर करता है
  • IPO Over-subscription के समय आपकी रणनीति बदल सकती है

🎯 उदाहरण:
अगर आप Retail हैं और subscription 50x हो गया है — तो आप allotment के लिए पूरी तरह लकी ड्रा पर निर्भर हैं।

🧠 निष्कर्ष (Conclusion)

IPO में हर निवेशक की अपनी कैटेगरी होती है — और उस कैटेगरी का allotment और success rate अलग-अलग होता है।

“Retail से लेकर QIB तक, हर investor का एक मकसद होता है — लेकिन सबसे पहले आपको समझना होगा कि आप कहां खड़े हैं।”

FAQ Section (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Retail Investor कौन होता है?

ऐसा निवेशक जो ₹2 लाख तक का IPO आवेदन करता है। IPO में 35% हिस्सा Retail के लिए आरक्षित होता है।

HNI और NII में क्या फर्क है?

HNI को ही NII (Non-Institutional Investor) कहा जाता है, जो ₹2 लाख से अधिक का IPO application करते हैं।

QIB में कौन-कौन शामिल होते हैं?

Mutual Funds, Banks, FIIs, Insurance Companies और अन्य SEBI-registered संस्थान QIB में आते हैं।

क्या QIB को Cut-off Price पर apply करने की सुविधा होती है?

नहीं, Cut-off Price की सुविधा सिर्फ Retail Investors को होती है।

📌 और पढ़िए:

क्या आप जानते हैं कि IPO में पैसे सीधे कटते नहीं?
👉 IPO Application में ASBA क्या होता है?

🔔 Action Time

💬 आपने अब तक किस कैटेगरी से IPO में आवेदन किया है — Retail, HNI या Anchor से?

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