“शेयर खरीदने से पहले जानिए – वो शेयर पहली बार कहाँ से आता है, और क्यों Primary Market हर निवेशक को समझना चाहिए।”
🔰 प्रस्तावना
जब भी कोई कंपनी शेयर मार्केट में पहली बार अपने शेयर बेचती है, वो एक खास जगह से करती है — जिसे कहते हैं Primary Market।
यही वो जगह है जहां कंपनी और निवेशक आमने-सामने होते हैं।
लेकिन…
- ये Primary Market क्या होता है?
- इसका IPO से क्या संबंध है?
- और निवेशकों को इससे क्या फ़ायदा या जोखिम होता है?
इस ब्लॉग में हम आपको इन सबका आसान जवाब देंगे।
📘 Primary Market क्या होता है?
Primary Market वह मार्केट होता है जहां कंपनियाँ पहली बार अपने नए शेयर या सिक्योरिटीज को पब्लिक को बेचती हैं — पूंजी जुटाने के लिए।
इसमें:
- शेयर पहली बार जारी किए जाते हैं
- निवेशक सीधे कंपनी से शेयर खरीदते हैं
- पैसा सीधे कंपनी के पास जाता है, ना कि किसी और निवेशक के पास
📌 इस प्रक्रिया को कहते हैं New Issue Market (NIM) भी।
📗 Primary Market के उदाहरण:
- IPO (Initial Public Offering)
जब कंपनी पहली बार पब्लिक को शेयर बेचती है - FPO (Follow-on Public Offering)
जब लिस्टेड कंपनी दोबारा शेयर जारी करती है - Rights Issue
जब मौजूदा शेयरधारकों को विशेष अधिकार से नए शेयर मिलते हैं - Private Placement
जब चुनिंदा निवेशकों को सीमित शेयर दिए जाते हैं
🔗 Primary Market और IPO का संबंध
IPO = Primary Market का सबसे चर्चित और बड़ा हिस्सा।
जब कोई कंपनी IPO लाती है, तो वो अपने शेयर Primary Market में बेचती है।
निवेशक जब उस IPO को subscribe करते हैं, तो वे नए शेयर खरीदते हैं जो कंपनी पहली बार जारी कर रही होती है।
🧠 मतलब:
अगर आपने Zomato, LIC या Nykaa का IPO लिया था, तो आपने Primary Market से सीधा शेयर खरीदा था।
🏛️ Primary Market की विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
शेयर की पहली बिक्री | सिर्फ यहीं होती है |
पैसा सीधे कंपनी को | बीच में कोई seller नहीं |
सेबी की मंजूरी आवश्यक | IPO से पहले DRHP, approvals आदि |
निवेशक और कंपनी आमने-सामने | No secondary buyer |
📈 Primary Market से निवेशकों को क्या फायदा होता है?
✅ Early Entry — आप कंपनी में शुरू से हिस्सा लेते हैं
✅ Listing Gain — IPO लिस्ट होने पर प्राइस बढ़ सकता है
✅ Valuation Advantage — कंपनी अगर कम प्राइस पर शेयर दे रही है तो long-term फायदा हो सकता है
⚠️ क्या रिस्क भी है?
हाँ, ज़रूर।
❌ कंपनी नई हो सकती है — भविष्य अनिश्चित
❌ अगर IPO महंगा है तो लिस्टिंग पर नुकसान हो सकता है
❌ Oversubscription के कारण allotment ना मिलना
📌 इसलिए Primary Market में निवेश से पहले DRHP पढ़ना और कंपनी का बिज़नेस समझना ज़रूरी होता है।
🔄 Primary Market और Secondary Market में क्या फर्क है?
बिंदु | Primary Market | Secondary Market |
---|---|---|
शेयर किससे खरीदे जाते हैं? | कंपनी से | दूसरे निवेशक से |
पैसा कहाँ जाता है? | कंपनी को | बेचने वाले निवेशक को |
लिक्विडिटी | कम | ज़्यादा |
उद्देश्य | फंड जुटाना | ट्रेडिंग और निवेश |
🧾 निष्कर्ष (Conclusion)
Primary Market निवेश की पहली सीढ़ी है —
जहाँ आप कंपनी की ग्रोथ स्टोरी में शुरुआत से जुड़ सकते हैं।
“IPO वो दरवाज़ा है जो Primary Market से Secondary Market तक जाता है। अगर आप सही कंपनी चुनते हैं, तो ये दरवाज़ा आपके लिए सफलता का रास्ता भी बन सकता है।”
FAQ Section (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Primary Market क्या होता है?
यह वो मार्केट होता है जहाँ कंपनी पहली बार नए शेयर पब्लिक को बेचती है, जैसे कि IPO, FPO, rights issue आदि के माध्यम से।
Primary Market और Secondary Market में क्या अंतर है?
Primary Market में निवेशक कंपनी से सीधे शेयर खरीदते हैं, जबकि Secondary Market में निवेशक दूसरे निवेशकों से शेयर खरीदते/बेचते हैं।
क्या हर IPO Primary Market से जुड़ा होता है?
हाँ, IPO Primary Market का हिस्सा होता है क्योंकि यह कंपनी द्वारा पहली बार शेयर जारी करने की प्रक्रिया है।
क्या Primary Market में निवेश करना सुरक्षित है?
इसमें जोखिम भी होते हैं क्योंकि नई कंपनियों के पास लंबा ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता। लेकिन सही रिसर्च के साथ इसमें अच्छा लाभ भी मिल सकता है।
अगर आप IPO की बेसिक समझ विकसित कर चुके हैं, तो आगे यह जानना ज़रूरी है कि Anchor Investors की भूमिका क्या होती है।
👉 Anchor Investors कौन होते हैं और क्यों ज़रूरी हैं?
📘 SEBI द्वारा प्रकाशित Primary Market से जुड़ी नियमावली और प्रक्रिया जानने के लिए देखें:
👉 SEBI Public Issues Guidelines