“IPO लिस्टिंग से पहले ही लोगों को कैसे पता चलता है कि शेयर चढ़ेगा या गिरेगा? इसका जवाब है – GMP।”
🔰 प्रस्तावना
जब भी कोई बड़ा IPO आता है, तो एक शब्द खूब सुनाई देता है — “GMP”
लोग कहते हैं,
“इस IPO का GMP ₹100 है… ज़रूर listing में बम्पर फायदा होगा।”
या
“GMP तो बहुत कम चल रहा है, छोड़ दो इस बार!”
लेकिन सवाल यह है कि:
- GMP होता क्या है?
- यह कैसे तय होता है?
- क्या GMP देखकर निवेश करना सही है?
इस ब्लॉग में हम इन सभी सवालों के जवाब देंगे, ताकि अगली बार जब कोई कहे “GMP अच्छा चल रहा है,” तो आप सिर्फ सुने नहीं — समझ भी सकें।
📘 Grey Market Premium (GMP) क्या होता है?
Grey Market Premium (GMP) वह प्राइस होता है जिस पर लोग किसी IPO शेयर को उसकी लिस्टिंग से पहले अनौपचारिक तौर पर खरीद-बेच कर रहे होते हैं।
यह एक तरह का अनऑफिशियल Secondary Market है जो IPO allotment के बाद और लिस्टिंग से पहले काम करता है।
📌 उदाहरण:
अगर किसी IPO का प्राइस ₹100 है, और GMP ₹50 चल रहा है —
तो इसका मतलब लोग उस शेयर को ₹150 (₹100 + ₹50) पर खरीदने को तैयार हैं।
🕵️♂️ Grey Market कैसे काम करता है?
Grey Market में दो तरीके से ट्रेडिंग होती है:
1. Buy/Sell Shares (Before Listing):
लोग अपने नाम पर अलॉट होने वाले शेयर किसी दूसरे को बेच देते हैं — allotment के बाद, listing से पहले।
2. Kostak Rate:
अगर किसी को allotment मिलेगा या नहीं — वो risk उठाकर पूरी IPO application खरीद ली जाती है।
इसका फिक्स रेट होता है (जैसे ₹500 per application)।
📌 यह मार्केट रेगुलेटेड नहीं होता। SEBI इसे मान्यता नहीं देता।
🧠 GMP से क्या संकेत मिलते हैं
GMP को देखकर निवेशक अंदाजा लगाते हैं कि:
- IPO की demand कितनी है
- Listing day पर share ऊपर जाएगा या नीचे
- Short-term में profit possible है या नहीं
💡 High GMP = High Demand = उम्मीद कि listing gain अच्छा मिलेगा
💡 Low GMP = Market cold है या IPO महंगा है
⚠️ क्या GMP 100% सही होता है?
बिलकुल नहीं।
GMP सिर्फ sentiment दिखाता है — reality नहीं।
बहुत से cases में GMP अच्छा चलता है, लेकिन listing दिन पर शेयर गिर जाता है।
📉 उदाहरण:
Paytm IPO का GMP listing से पहले अच्छा था, लेकिन लिस्टिंग के दिन गिरावट आई।
✅ GMP को समझने के सही तरीके:
- GMP को एक संकेत की तरह देखें, फैसले का आधार नहीं बनाएं।
- DRHP और कंपनी के फाइनेंशियल्स जरूर देखें।
- GMP अगर ज्यादा है, तो सावधान रहें — कहीं ये सिर्फ hype ना हो।
- Market sentiment को भी ध्यान में रखें (जैसे recession या global market trends)।
- GMP listing से ठीक एक दिन पहले ज़्यादा accurate माना जाता है।
📊 कहाँ देखें GMP?
GMP के लिए आप इन trusted sources को देख सकते हैं:
- Chittorgarh.com
- IPOWatch.in
- IPOCentral
- Social media groups (लेकिन verify ज़रूर करें)
🧾 निष्कर्ष (Conclusion)
GMP एक शानदार tool है —
लेकिन यह सिर्फ एक thermometer है, diagnosis नहीं।
“IPO का decision GMP से नहीं, ज्ञान से करें।”
DRHP पढ़ें, कंपनी समझें और तभी निवेश करें।
❓ FAQ Section (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Grey Market Premium (GMP) क्या होता है?
GMP एक अनौपचारिक प्राइस है जो बताता है कि IPO लिस्टिंग से पहले शेयर की कितनी डिमांड है। यह मार्केट का sentiment दर्शाता है।
GMP कैसे तय होता है?
GMP demand और supply के आधार पर तय होता है। अगर लोगों को लगता है कि IPO लिस्टिंग के बाद मुनाफा होगा, तो GMP बढ़ता है।
क्या GMP भरोसेमंद संकेत है?
नहीं हमेशा नहीं। GMP केवल अनुमान है, कंपनी के फाइनेंशियल और मार्केट कंडीशन को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
GMP कहाँ देख सकते हैं?
IPO GMP आप IPOWatch, Chittorgarh, IPO Central जैसी साइट्स और कुछ भरोसेमंद टेलीग्राम चैनल्स से देख सकते हैं।
अगर आप GMP समझ चुके हैं, तो अगला कदम है ये जानना कि DRHP कैसे पढ़ा जाए।
👉 ज़रूर पढ़ें: DRHP में Hidden Warning Signs कैसे पकड़ें?